Govardhan Pooja 2025 Ke Niyam गोवर्धन पूजा के विधि

गोवर्धन पूजा 2025 अन्नकूट के दिन की जाती है — यानी दीपावली के अगले दिन, प्रातःकाल या दोपहर के समय।

🪔 पूजा की सामग्री (Samagri):

1. गौबर (गोबर) – इससे गोवर्धन पर्वत बनाते हैं

2. गंगाजल या स्वच्छ पानी

3. दीपक, धूप, अगरबत्ती

4. फूल, माला, तुलसी पत्ता

5. चावल, रोली (कुमकुम), हल्दी

6. दूध, दही, घी, शहद, मिश्री

7. अन्नकूट का प्रसाद – यानी कई तरह की सब्जियाँ, मिठाइयाँ और पकवान

8. गौ माता के लिए चारा (हरी घास या रोटी)

🪔 पूजा विधि (Vidhi):

1. गोवर्धन पर्वत बनाना:आँगन या किसी पवित्र स्थान पर गोबर से एक छोटा पर्वत बनाते हैं।उसके चारों ओर छोटी-छोटी गोबर की गायें, बछड़े, ग्वाले आदि बनाते हैं।

2. सजावट:गोवर्धन पर्वत को फूल, तुलसी और रंगोली से सजाते हैं।

3. पूजन:

सबसे पहले गंगाजल छिड़ककर स्थान को शुद्ध करें और दीपक जलाएं।

भगवान श्रीकृष्ण, गोवर्धन पर्वत, और गौ माता का स्मरण करें।

धूप, दीप, फूल, चावल, रोली, तुलसी अर्पित करें।”

ॐ गोवर्धनधारी श्रीकृष्णाय नमः” मंत्र का जाप करें।

अन्नकूट का प्रसाद भगवान को चढ़ाएं।

4. परिक्रमा:पूजा के बाद परिवार के सभी सदस्य गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं (3 या 7 बार)।

5. गौ माता की पूजा:अगर घर में गाय है तो उसकी विशेष पूजा करें — माला पहनाएँ, उसका तिलक करें, मिठाई या गुड़ खिलाएँ।

🍛 अन्नकूट प्रसाद में क्या बनता है:

इस दिन 56 भोग या कई तरह की चीजें बनाई जाती हैं, जैसे—

पूरी, कढ़ी, दाल, सब्जियाँखीर, हलवा, लड्डू, बूँदी, पेड़ाफल, सूखे मेवे आदि

🙏 महत्व:

गोवर्धन पूजा से यह सिख मिलती है कि हमें प्रकृति, पशु-पक्षियों और धरती का सम्मान करना चाहिए। भगवान कृष्ण ने सिखाया कि अहंकार नहीं, सेवा ही सच्ची भक्ति है।

🌿 गोवर्धन पूजा मंत्र (Govardhan Pooja 2025 Mantra)>

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”(यह मूल कृष्ण मंत्र है — पूजा के समय बार-बार बोलें)

ॐ गोवर्धनधारी श्रीकृष्णाय नमः”(इससे भगवान श्रीकृष्ण को गोवर्धन पूजा का नमस्कार किया जाता है)

गोवर्धन पूजा प्रार्थना (Prarthana)>

हे गोवर्धनधारी भगवान श्रीकृष्ण!

आपने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया,

वैसे ही हमारे जीवन में आने वाले संकटों से भी रक्षा करें।

हमें अहंकार से दूर रखकर भक्ति और सेवा का मार्ग दिखाएँ।

जय श्री गोवर्धनधारी! 🙏

🪔 गोवर्धन पूजा आरती (Aarti)>

आरती श्री गोवर्धन महाराज कीजय जय श्री गोवर्धन धारी,

जय गिरीधर गोपाल प्यारे॥

गोकुल के तुम रखवाले,

ब्रजवासियों के तुम सहारे॥

जय जय श्री गोवर्धन धारी..

.इंद्र के अभिमान को तोड़ा,

वर्षा से सबको बचाया

॥जय जय श्री गोवर्धन धारी…

तुलसीदल और दूध-दही से,

तेरी पूजा सबने की प्यारे॥

जय जय श्री गोवर्धन धारी.

..अंत में सब मिलकर बोलें –

गोवर्धन महाराज की जय!

श्रीकृष्ण कन्हैया लाल की जय!

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